Sunday, 30 December 2007
Wednesday, 26 December 2007
खाली गरियाने से क्या होता है?
कथित बुद्धिजीवियों में मोदी को गरियाने की होड़ लगी है। चुनाव परिणाम आने से पहले भी गरिया रहे थे। परिणाम आने के बाद भी गरिया रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे वे पचा नहीं पा रहे हैं कि उनके इतना गरियाने के बाद भी मोदी चुनाव में कैसे जीत गए। बात साफ है भइया कि आप जैसे सोच रहे थे वैसे न तो मोदी सोच रहे थे और न ही उन्हें वोट देनेवाली जनता। जिस जनता ने गुजरात में भाजपा को वोट दिया, उसके हित और अनहित देखने के अपने कारण थे और उसी के आधार पर उसने अपना फैसला दिया। मैं मोदी को न तो क्लीनचिट दे रहा हूं और नही उसका बचाव कर रहा हूं। मैं सिर्फ उन साथियों से सवाल कर रहा हूं कि आखिर क्या बात है कि अक्सर जिनका वे विरोध करते हैं, वे जीत जाते हैं? कहीं उन जैसों की जीत की वजह ये विरोध का अति कोलाहल ही तो नहीं? जो उनके कद को और उभार देता है।
Tuesday, 25 December 2007
निमंत्रण
मीडिया दूसरों की खबरें रखता है पर उसे अकसर अपनी खबर नहीं होती। यहां अधिकतर लोग भ्रम में जीते हैं और कड़वे सच से दूर भागने की कोशिश करते हैं। यह जानते हुए कि इससे दूर नहीं भागा जा सकता है। इस ब्लाग के माध्यम से हम इसी सच को देखने और दूसरों को भी दिखाने की कोशिश कर सकते हैं। इस उद्देश्य में आप सभी आमंत्रित हैं। इस ब्लाग पर मेंबर बनें और अपनी बात रखें। मेंबर बनने के लिए bambam.बिहारी@जीमेल.com पर मेल करें।
आपका
बमबम बिहारी
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