बाप से चार जूता आगे
पड़ोस में रहने वाले रामभरोसे मालपानी जब अपने सुपुत्र के टीचर से मिलने पहुंचे, तो टीचर ने थोड़ी देर उन्हें घूरा और फिर बोली, 'ऐसा कीजिए, अपने सुपुत्र करमचंद मालपानी को किसी दूसरे स्कूल में दाखिला दिलवा दें। अब उसे इस स्कूल में ज्यादा दिन तक बरदाश्त नहीं किया जा सकता है।` मालपानी जी ने दांत निपोरते हुए कहा, 'मैडम, आखिर मेरे बेटे ने ऐसा या किया कि आप उसे रेस्टीकेट करने पर तुली हुई हैं।`
'देखिये, आपका बेटा भी आपकी तरह कुछ ज्यादा ही प्रतिभावान है। मैथ वाली टीचर मिस सिन्हा बता रही थीं कि पैरेंट्स-टीचर मीटिंग में जब भी आप आते हैं, तो उनसे चोंच लड़ाने की कोशिश करते हैं। और आपके सुपुत्र...तौबा..तौबा...आपसे भी चार जूता आगे। उसकी उम्र दस साल है, लेकिन फ्लर्ट करता है पांच साल से लेकर बीस साल तक की लड़कियों से। हथेली पर अपना दिल लिए स्कूल की हर छात्रा से 'डेट` पर चलने की गुजारिश करता रहता है। इससे स्कूल की बदनामी और माहौल खराब होता है। ऐसा कीजिए, अब आप पिता-पुत्र इस स्कूल पर मेहरबानी करें और अपने नौनिहाल को यहां से ले जाएं।`
टीचर की बात सुनकर मिस्टर मालपानी भड़क उठे। बोले, 'आप मामले को कुछ ज्यादा ही बढ़ा-चढ़ाकर पेश कर रही हैं। मेरा बेटा मेरी तरह रसिक है, लेकिन बदमाश कतई नहीं है। और अगर रसिक होना गुनाह है, तो इसके लिए भी फिल्म इंडस्ट्री जिम्मेदार है। उसकी इस काबिलियत का विकास फिल्मों से हुआ है। अब बच्चा जैसी फिल्में देखेगा, वैसा ही आचरण करेगा। उसके रोल मॉडल भी तो इमरान हाशमी हैं।`
इतना कहकर मिस्टर मालपानी रुके और बोले, 'आपको इस बात का अंदाजा नहीं है कि मेरा बेटा कितना ऊपर जाएगा। उसने एक साल पहले कहीं किसी अखबार में पढ़ा था कि जल्दी शादी करने में ही समझदारी है योंकि जल्दी शादी करने वाले ज्यादा जीते हैं। सो, वह तभी से जिद कर रहा है कि कैसे भी हो, उसकी शादी करा दी जाए ताकि सौ साल से ऊपर जीने का मौका मिले। ऐसे में बाल विवाह के कानून पचड़े में पड़ने से बेहतर मुझे लड़कियों से फ्लर्ट करने को कहना पड़ा।` मिस्टर मालपानी अपनी रौ में बोलते जा रहे थे और टीचर खड़ी मुंह ताक रही थी।
Wednesday, 18 June 2008
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
1 comment:
Post a Comment