तीन अगस्त को दोस्ती का दिन है। अंग्रेजी में बोले तो फ्रेंडशिप डे। मतलब दोस्तों को अहसास करवाओं कि दोस्ती अभी भी जिंदा है। यह कहां जाए कि अगर फ्रेंडशिप डे न हो तो दोस्ती का अहसास करवाना मुश्किल हो जाएं। कितनी तेजी से हम पश्चिमी सभ्यता में खुद को ढालते जा रहे है, कभी फ्रेंडशिप डे मना रहे है तो कभी चाकलेट डे। अच्छा है बच्चों को दोस्ती का पाठ पढ़ाया जा रहा है।, लेकिन उसमें भी अंग्रेजी तड़का लगा कर। क्या हम दोस्ती को सुदामा श्रीकृष्ण के नाम से नहीं जान सकते। वह निस्वार्थ दोस्ती आजकल नहीं देखने को मिलती। आज कल के दौर में वैसे अच्छे दोस्त मिलना किस्मत की बात हो गई है, पर फिर भी अपनी कोशिश जारी रखनी चाहिए। जीवन में दोस्तों की लिस्ट लंबी करने के स्थान पर चंद दोस्त बनाने ज्यादा बेहतर है। दोस्त तो बहुत मिल जाएंगे पर दोस्ती का मतलब समझने वाले बहुत कम है संसार में। पर आज भी चंद लोग ऐसे है जो दोस्ती को निभाने जानते है। वैसे में ज्यादा कुछ नहीं कहूंगी, आप खुद समझदार है।
---------दोस्ती-------
जीवन में दोस्त बनों ऐसे, नाज करें तुम पर,
वक्त न आए ऐसा कभी कोई हंसे हम पर।
रास्ते बहुत है पथरीले इस राह के प्यारे,
डर मत हम भी राह पर साथ है तुम्हारे।
लंबी डगर है साथी मिलेंगे बहुत तुमको,
पर भीड़ में भी तुम पहचान लेना हमको।
दिखाई न देंगे कभी तो छोड़ ना देना हाथ,
मर कर भी हरदम कदम चलेंगे तुम्हारे साथ।
Sunday, 3 August 2008
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2 comments:
eee.could u plz tell me what language this is
jis ki khud pahchan na hu bah raster bhasha ko kaise pahchan sakta hai.
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