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Saturday, 8 November 2008
आंतकवाद का क्या धर्म है .
मालेगांव बम धमाकों ने धर्म और राजनीती पर बहस को एक बार फिर से पैदा कर दिया है। मीडिया के कुछ हिस्सों में मालेगांव बम धमाकों को हिंदू आतंकवाद का नाम दिए जाने से हिंदू संगठनो की भोंहे तन गई हैं। कल तक हर आतंकवादी वारदात को इस्लामिक आतंकवाद का नाम देने वाली भाजपा व् उसके अनुसंगी संगठन साध्वी की गिरफ्तारी से सकते में हैं। सच है की एक साध्वी या कर्नल पुरोहित की गिरफ्तारी भर से पूरी हिंदू कौम आतंकवादी नही हो गई। मगर अब सोचना यह भी चाहिए की क्या किसी मुस्लिम आतंकवादी के पकड़े जाने से पूरा इस्लाम आतंकवादी हो गया। इस्लाम को मानने वालों में तो असफाक उल्लाह खान भी थे। मालेगांव की घटना एक सबक है । अपनी ओछी राजनीति के लिए किसी कौम को बदनाम करना उस कौम के लिए मौत के समान है । किसी एक विक्षिप्त व्यक्ति की सजा किसी पूरी कौम को नही देनी चाहिए। उम्मीद है ऐसे लोग मेरे कहे पर खुले दिमाग से विचार करेंगे।
Saturday, 9 February 2008
मुंबइॆ िकसी की बपौती नहीं

अानंद िसंह
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बिहार अौर उत्तर प्रदेश के लोगों के िखलाफ जहर उगलने के बाद बाला साहेब ठाकरे के पुत्र उद्धव ठाकरे अौर उनके भतीजे राज ठाकरे ने अप उन समस्त लोगों को अपना िनशाना बनाया है जो बाहरी राज्यों से यहां अाकर अपना जीवन-यापन कर रहे हैं। ताजा बयान उद्धव ठाकरे का अाया है िजन्होंने कहा है िक मुंबई में रहने वाले बाहरी लोगों को मराठी सीखनी ही होगी। उनका यह भी कहना है िक मुंबइॆ एयरपोर्ट का नाम मराठी में होना चािहए, िहंदी या अंग्रेजी में नहीं। राज अौर उद्धव का बयान संकीर्णता की पराकाष्ठा है। यह उन लोगों को बढ़ावा देने वाला है जो छोटे राज्यों के बहाने देश भर में लोगों को लड़ाने का काम कर रहे हैं। जब इॆश्वर ने हमें बनाने में भेद नहीं िकया तो ये राज अौर उद्धव कौन होते हैं एक इंसान को मराठी या िबहारी के चश्मे से देखने वाले? राज अौर उद्धव, इन दोनों भाइॆयों ने िमल कर िजस तरीके से गैर मरािठयों के िखलाफ अिभयान चला रखा है, वह पूवाॆंचल (नाथॆ-इॆस्ट) के अल्फा मूवमेंट की याद िदलाता है। गोरखपुर में रहने वाले मराठी पिरवारों से जब मैंने बातचीत की तो उन सभी ने एकस्वर में राज का िवरोध िकया अौर दो टूक कहा िक ये लोग मराठा कौम को बरबाद कर रहे हैं। इनका कहना था िक राज का मराठी समाज में कोइॆ खास स्थान नहीं है िसवाय इसके िक वह बाला साहेब के भतीजे हैं। यही सत्य है। इस बात की जरूरत सबसे अिधक है िक अब लोग इनकी बातों का कड़ा से कड़ा प्रितकार करें।
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