Saturday, 8 November 2008
आंतकवाद का क्या धर्म है .
मालेगांव बम धमाकों ने धर्म और राजनीती पर बहस को एक बार फिर से पैदा कर दिया है। मीडिया के कुछ हिस्सों में मालेगांव बम धमाकों को हिंदू आतंकवाद का नाम दिए जाने से हिंदू संगठनो की भोंहे तन गई हैं। कल तक हर आतंकवादी वारदात को इस्लामिक आतंकवाद का नाम देने वाली भाजपा व् उसके अनुसंगी संगठन साध्वी की गिरफ्तारी से सकते में हैं। सच है की एक साध्वी या कर्नल पुरोहित की गिरफ्तारी भर से पूरी हिंदू कौम आतंकवादी नही हो गई। मगर अब सोचना यह भी चाहिए की क्या किसी मुस्लिम आतंकवादी के पकड़े जाने से पूरा इस्लाम आतंकवादी हो गया। इस्लाम को मानने वालों में तो असफाक उल्लाह खान भी थे। मालेगांव की घटना एक सबक है । अपनी ओछी राजनीति के लिए किसी कौम को बदनाम करना उस कौम के लिए मौत के समान है । किसी एक विक्षिप्त व्यक्ति की सजा किसी पूरी कौम को नही देनी चाहिए। उम्मीद है ऐसे लोग मेरे कहे पर खुले दिमाग से विचार करेंगे।
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