मालेगांव बम धमाके की आग अब उत्तर प्रदेश में सुलगने लगी है । गोरखपुर एक बार फिर सुर्खियों में है । इस बार साध्वी प्रज्ञा को लेकर गोऱखपुर का नाम सामने आया है । गोरखपुर के विधायक पर साध्वी के तार जुड़े होने के आरोप है । गोरखपुर के सांसद और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हिंदू नेता योगी आदित्य नाथ भी घेरे में है । यह वही योगी है,जिन पर यूपी की पुलिस ने एक बार हाथ डालने की कोशिश की थी, तब गोरखपुर समेत पूरे उत्तर प्रदेश में बवाल खड़ा हो गया था । गोरखपुर में आगजनी हुई दंगा हुआ । सब राजनीति से प्रेरित है ।
पहले खादी से तो अब भगवा से राजनीति
एक जमाना था जब खादी से देश की राजनीति संचालित होती थी, लेकिन समय बदल गया है । देश की राजनीति खादी नहीं भगवा से चल रही है । भगवा है ठीक है, लेकिन भगवा की आड़ में चंद राजनेता गंदी राजनीति कर रहे हैं । हो सकता है साध्वी भी इसी गंदी राजनीति का शिकार बनी हो, लेकिन जांच तो होनी ही चाहिए ।
बहुत कुछ छिपा है बीहड़ों में
मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश की बीच पड़ते बीहड़ों में वह बहुत कुछ सच्चाई छिपी है, जो एटीएस को तलाश है । चंबल की घाटी में हर वह सुराग मिल सकता है, जो एटीएस को शायद उत्तर प्रदेश के तराई इलाके से नहीं मिल सकती है । मालेगांव ब्लास्ट के तार उत्तरप्रदेश से होते हुए जम्मू-कश्मीर तक पहुंच गए हैं। मुंबई एटीएस ने बुधवार को कानपुर से एक शख्स को हिरासत में लिया है। उस शख्स का नाम दयानंद पांडे बताया जाता है और एटीएस को उसके वीएचपी से जुड़े होने की आशंका है। दयानंद को लेकर एटीएस लखनऊ रवाना हो गई। लखनऊ लाकर उससे मालेगांव ब्लास्ट मामले में पूछताछ की गई।एटीएस ने सोमवार को मुंबई की अदालत में एक अर्जी दाखिल कर एक प्रमुख हिंदू नेता से पूछताछ करने की इजाजत मांगी है तथा इस संबंध में उत्तरप्रदेश सरकार से सहयोग दिलाने की बात कही है। एटीएस ने फरुखाबाद और पूर्वी उत्तरप्रदेश में गुपचुप अभियान चलाकर मालेगांव विस्फोटों के लिए ठोस सबूत जुटाए हैं।भाजपा उत्तरप्रदेश से पार्टी के सांसद आदित्यनाथ का खुलकर बचाव में उतर आई है । आदित्यनाथ ने मालेगांव विस्फोट में उनका हाथ होने के बारे लगाई जा रही अटकलबाजियों के बाद मंगलवार को एटीएस को उन्हें गिरफ्तार करने की चुनौती दी थी।
चुनौती छोड़ कर जांच में सहयोग करे नेता
अगर साध्वी सही है, योगी आदित्यनाथ सही है, दयानंद पांडेय ने कोई गलत काम नहीं किया है तो भाजपा और संघ एटीएस को चुनौती क्यों दे रही है ? सभी राजनीतिक दलों को एक होकर इसके लिए अपेन स्तर पर एक जांच कमेटी तैयार कर मामले की सही जांच करना चाहिए । पुलिस और कानून को चुनौती देकर आखिर हमारे राजनेता साबित क्या करना चाह रहे हैं । मामले को राजनीतिक तूल दिया जा रहा है, जो देश के घातक है ।
Wednesday, 12 November 2008
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2 comments:
आपने बिल्कुल सही लिखा कि ये लोग जांच एजेसि का सामना क्य नहीं करते.गुरूपर्व की बधाई.
दरअसल, हर तरफ़ विश्वास का संकट है। भाजपा को एटीएस पर यकीन नहीं, एटीएस को भगवा ब्रिगेड पर यकीन नहीं, अल्पसंख्यकों को दिल्ली पुलिस पर यकीन नहीं, विपक्ष को सरकार पर यकीन नहीं, सरकार को विपक्ष पर यकीन नहीं। शुचिता तो कहीं बची नहीं। इस हम्माम में सब नंगे हैं। कौन किस पर विश्वास करे?
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