Sunday 6 January, 2008

यह कर्ज क्यों नहीं माफ हो सकता?

पंजाब के एक बड़े अधिकारी (संयोग से दलित हैं) ने मुझे एक खबर देने से पहले यह सवाल किया कि आखिर राज्य के 23 हजार दलितों का 80 करोड़ रुपए का कर्जा सरकार क्यों माफ नहीं करती है? सवाल में दम था और इससे जुड़ी खबर भी दमदार थी। पंजाब सरकार ने एक झटके में किसानों के चार हजार करोड़ रुपए के कर्ज एक झटके में माफ कर दिया। बतौर मुख्यमंत्री पटियाला के महाराज कैप्टन अमरिंदर सिंह जब यह फैसला ले रहे थे, उस वक्त यह खबर बताने वाला अधिकारी भी उनके पास दलितों के कर्ज माफी से संबंधित फाइल लेकर गया था।
फाइल के मुताबिक राज्य के 23 हजार दलितों पर कुल 80 करोड़ रुपए का कर्ज बकाया है। इसमें कोई भी कर्ज पचास हजार रुपए से ज्यादा नहीं है। फाइल यह भी बताती है कि कर्ज लेने वाले सारे दलित भूमिहीन है और ज्यादातर खेतों में काम करते हैं। यह इस फाइल की कम्लीट कहानी है। अधिकारी को यह पूरी उम्मीद थी कि यह कर्ज माफ करने का आदेश हाथों हाथ हो जाएगा। पर, हुआ कुछ और। मुख्यमंत्री ने यह फाइल अपने पास रख ली। फाइल छह दिन बाद बगैर किसी टिप्पणी के बैरंग लौट आती है। कोई कारण नहीं बताया जाता है।
फाइल और उसकी पूरी कहानी बताने के बाद वह अधिकारी यह सवाल उठाता है कि आखिर यह कर्ज क्यों नहीं माफ हो सकता है। वे कहते हैं देश में किसानों की हालत खराब है। उनका खून चूसा जा रहा है। इसलिए उनके कर्ज को सरकार ने माफ करके अच्छा किया। पर, इन दलितों की हालत कौन सी अच्छी है। खेत नहीं है। इसलिए खेतीहर मजदूर है। खेती में इनका थोड़ा बहुत (?)योगदान तो होगा ही। फिर कर्ज माफी की इस फाइल पर कोई मुख्यमंत्री क्यों नहीं साइन करता है?

2 comments:

chand shabdo ne kaha said...

respected sanjay ji
bade bhai kyo karz maf hona chahiye, isliye ki wo dalit hai. bhai sahab 80 hajar karor ki rakam mamuli nahi hoti. itane me khud dalito ke liye sare panjab me school khola ja sakata hai. akihr kab tak hum karz mafi ki visakhi par chalate rahenge. mujhe to lagata hai ki kisano ka bhi karz maf nahi hona chahiye. hum vote bank ki is rajniti se kab bahar nikalenge. kyo nahi hum aisi sthiti banate ki dali ho ya kisan dono khub karz le or vapas bhi kare. akhi in logo ne karz lekae kiya kya. kitana badal gaya punjab. toda ditail me bataye ki kyo maf hona chahiye ianka karz.

chand shabdo ne kaha said...

bade bhai,
mafi chunga ki 80 hajar karor ki rakam likh dala. lekin meri mul bhavana yaha hai ki is rajniti se hi hum bahar nikale ki karz lo phir maf kara lo. cahe kisan ho ya dalit sabake sath ek jaisa kam hona chahiye. mai dalito ke uthan ka virodhi nahi lekin aise unka vikas nahi hoga ye bhi mera visvas hai. rajniti band ho or 4 hazar caror ki rakam ka hisab maga jana chahiye. ye humare pasine ki kamai hai.