Saturday, 13 September 2008

मुंबई किसकी है?




मुंबई के संयु त पुलिस आयु त (कानून व्यवस्था) केएल. प्रसाद के इस बयान पर कि मुंबई किसी के बाप की नहीं है, को शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे ने अमर्यादित और भड़काऊ करार दिया है। गौरतबल है कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के बच्चन परिवार के खिलाफ आंदोलन को लेकर प्रसाद ने यह बयान दिया था। एमएनएस ने जया बच्चन पर मराठियों के खिलाफ बयान देने का आरोप लगाया था। शिवसेना के मुखपत्र 'सामना` में लिखे संपादकीय में बाल ठाकरे ने कहा कि केएल.प्रसाद ने जिस तरह का बयान दिया है इससे पहले मुंबई में किसी पुलिस अधिकारी ने ऐसा बयान नहीं दिया। शायद प्रसाद को हिंदी भाषा की अच्छी जानकारी नहीं है इसलिए इसका गलत इस्तेमाल किया गया है। इन बातों को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से पुलिस अधिकारियों को यह निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे मराठी में ही संवाददाताआें को संबोधित करें। इस तरह के लोग अपनी पूरी जिंदगी महाराष्ट्र में गुजार देते हैं लेकिन वे मराठी बोलने से कतराते हैं। इस तरह की बातें स्वीकार्य नहीं हैं।
ठाकरे ने मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करके देखे जाने के तर्क को भी खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि इस महान शहर पर सिर्फ मराठी लोगों का ही अधिकार है, शिवसेना इसके लिए अपनी ओर से संघर्ष जारी रखेगी। ठाकरे ने प्रसाद के बयान की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि मुंबई किसके बाप की है यह पता करना है तो उन्हें हुतात्मा स्मारक जाकर देखना चाहिए। यहां उन १०५ लोगों का स्मारक है जिन्होंने मुंबई को महाराष्ट्र के साथ रखने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।
तो या इसका मतलब यह है कि मुंबई भारत में नहीं है? मंुबई ठाकरे परिवार की है? जिस तरह से यह परिवार मंुबई में उत्पात मचाए हुए है उससे तो यही लगता है। सरकार मूकदर्शक बनी हुई है, यही कारण कि यह लोग इस तरह के बयान दे रहे हैं। केएल प्रसाद का बयान अमर्यादित और भड़काऊ है तो बाल ठाकरे और राज ठाकरे का बयान देश को जाे़डने वाला है? जया बच्चन के हिंदी बोलने के मामले में जिस तरह से राज ठाकरे ने उत्पात मचवाया उसे या कहा जाए? मंुबई में कानून का राज कहीं दिखाई नहीं देता। इससे तो यह भी लगता है कि आतंक फैलाकर राज ठाकरे लोगों से वसूली भी करते होंगे। डर के मारे लोग देते भी होंगे।

2 comments:

bambam bihari said...
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bambam bihari said...

मुंबई कम से कम राज ठाकरे के बाप की तो नहीं है. ऐसे लोगों पर सरकार कार्रवाई नहीं करती उससे यही लगता है.वो भी उससे मिली हुई है.